मुंबई रेड लाईट एरिया
मुंबई के रेड लाइट एरिया में जगह दिन मैं सुन सान पर रात मैं एक अलग ही रोनक यहां की एक एक कोठी एक कमरे मैं औरतों के दर्द और सिसकियों की आवाजें और रोने की आवाजें आ रही थी जिस से साफ पता चल रहा था
दिन मैं सराफत का चोला पहनने वाले रहीश बिजनेस मैन और रहीश जादे रात मैं उन औरतों पर बड़ी बेशर्मी से मर्दानगी उतारते हैं, औरतों की दर्द भरी सिसकी और चीखों से उन्हें सुकुन मिलता था
वहीं रेड लाइट एरिया की आलिशान कोठी रजिया बाई की कोठी बहुत मशहूर थी " वो कोठी ३ मंजिला सफेद टाईल्स की थी, रात के वक्त लाईटिंग हो जाने के बाद वो कोठी और खुबसूरत लगती " पर जो चीज जितनी सुंदर ऊपर से होती है वो अंदर से उतनी ही दर्द नाक उस कोठी के अंदर झुले पर बैठी थी ' जिस की उम्र लगभग ४० साल होगी उस ने काफी महंगी साडी पहन रखी थी ' मुंह मैं पान था उस के उस के बाजू मैं एक २७ साल का आदमी और उस आदमी के उम्र की औरत खड़ी थी
झुले पर बैठी औरत का नाम रजिया बाई था " इस कोठे की मालकिन वो पानी उठा रही थी, सामने उस के एक २० साल की लड़की खड़ी थी जिसे काफी सुंदर तैयार किया गया था पर कपड़े जो चोली पहनी थी उस मैं उस का बदन और कमर दिख रहा था ,' वो लड़की डरी हुई थी उस की आंखों मै नमी थी, वो अपने हाथों से अपने तन को ढकना चाहती थी ' पर रजिया बाई के पास खड़ी औरत उसे गुस्से से देखती है वो लड़की बस कांपते हुए खड़ी थी
उस लड़की के बाजू मैं एक ३५ साल का आदमी उस के कपड़ों से साफ पता चल रहा था, की वो कितना रहिश है वो लड़की के इर्द गिर्द घुम कर अपनी हवश भरी नजर से उस लड़की को देख रहा था ' वो आदमी बोलता है " वहां रजिया बाई माल तो बड़ा बढ़िया है" वो उस लड़की कमर पर ऊंगली घुमा देता है " तभी वो लड़की डर से सहम जाती है , रजिया बाई पान चबाते हुए मुस्कुराते हुए बोलती हैं" आप को कभी रजिया बाई ने निराश नहीं किया सिन्हा साहब
रजिया बाई के पास एक से एक कोहिनूर का हिरा है वो ये बात शैतानी मुस्कान से बोलती है
महेश सिन्हा बोलते हैं अब नहीं रूक सकता मैं रजिया बाई " इस कली छुए बिना ऐसा बोल वो पोकेट से २ बंडल पैसे निकाल रजिया बाई की तरफ़ फैकता है रजिया बाई के पास खड़ा आदमी जल्दी से कैच कर लेता है, रजिया बाई हंसते हुए बोलती है" जाओ इस कली को ले जाओ सिन्हा साहब, एक रात के लिए ये आप की हुई ऐसा बोल जोर से हंसने लगती है" वो आदमी उस लड़की कै जबरदस्ती सामने के कमरे मैं खिंचते हुए, ले जाता है ' वो लड़की रोती चिल्लाती है पर वैसे ही ले जा कर कमरा बंद हो जाता है
रजिया बाई के पास खड़ी औरत जिसका नाम रमा था वो और वो आदमी जिसका नाम राकेश है नोट गिन रहे थे रमा नोट गिनते हुए बोलती है " बाजी सिन्हा साहब ने तो आज दुगुनी किमत दि है रजिया बाई शातिर मुस्कान से बोलतीं है " रजिया बाई के पास है ही ना माफ सिरे तो किमत तो देगे ही रहीश जादे ऐसा बोल हंसने लगती हैं पास खड़े रमा राकेश भी हंसते हैं " तभी एक २२ साल की लड़की आती है घबराईं हुई" उसे देख रहा बोलती है " क्या हुआ वो लड़की लड़खड़ाती हुई आवाज मैं बोलती है वो , वो, वो होश मै आ गई शोर मचा रही है ये सुन वो तीनो चौंक जाते हैं
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